संस्कृति संगम | Sanskriti Sangam के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : संस्कृति संगम है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Kshitimohan Sen Shastri | Kshitimohan Sen Shastri की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Kshitimohan Sen Shastri | इस पुस्तक का कुल साइज 14 MB है | पुस्तक में कुल 175 पृष्ठ हैं |नीचे संस्कृति संगम का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | संस्कृति संगम पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, literature
Name of the Book is : Sanskriti Sangam | This Book is written by Kshitimohan Sen Shastri | To Read and Download More Books written by Kshitimohan Sen Shastri in Hindi, Please Click : Kshitimohan Sen Shastri | The size of this book is 14 MB | This Book has 175 Pages | The Download link of the book "Sanskriti Sangam " is given above, you can downlaod Sanskriti Sangam from the above link for free | Sanskriti Sangam is posted under following categories dharm, literature |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
सार्थकता की दृष्टि से देखा जाय, तत्र भी यह पद्धति एकदम निष्फल हैl चीन के माल नया रास्ता पकड़ना नहीं चाहते, जो-कुछ पुराना - है, उस पर चिपके रहना चाहते हैं । किन्तु वे भी खेत के लिए अन्यान्य देशों के नए-नए वीज खोजते हैं। कारण पूछने पर कहते हैं कि बीज यदि पुराना हो, या बाहर से न मँगाया जाय, तो फनन अच्छी नहीं होती, उसमें फल अच्छे नहीं लगने । इसीलिए अपने गोत्र में विवाह निषिद्ध हैं । विज्ञान-शास्त्र के अनुसार में यह एक जीवशास्त्रीय सत्य है । संस्कृति की दुनिया में यह सत्य और भी अधिक भार्थक हैं । राजनीति में जिस मिलन की बात सुनाई देती है, वह माही के आलिंगनजैसा है। कोई किसी के पास अाने की हिम्मत नहीं करता ! सभी सबक कदर्य भाव से ग्रास बनाना चाहते हैं ।