सत्यार्थ यज्ञ | Satyarth Yagya

सत्यार्थ यज्ञ | Satyarth Yagya

सत्यार्थ यज्ञ | Satyarth Yagya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : सत्यार्थ यज्ञ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 3.9 MB है | पुस्तक में कुल 158 पृष्ठ हैं |नीचे सत्यार्थ यज्ञ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | सत्यार्थ यज्ञ पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

Name of the Book is : Satyarth Yagya | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 3.9 MB | This Book has 158 Pages | The Download link of the book "Satyarth Yagya" is given above, you can downlaod Satyarth Yagya from the above link for free | Satyarth Yagya is posted under following categories dharm |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 3.9 MB
कुल पृष्ठ : 158

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

अलख लखत, सब जगत के रखवारे ऋपिनाथ, नामिनदन पदपदम छवि, तिनहि नवाऊं माथ । सिद्धारथ-कुलगगनके पूरण निर्मल चन्द त्रिसला प्राचीदिग तने, सूरज तिमिर निकन्द । अकलंकित अंकित धरम, भरम मजीवन हार, परम शेप वाईस जिन, नमहुं करम क्षयकार। तुमसे तुमही जगत में, उपमा काकी देहूं, ज्ञान-कला दीजै तनक, पदपूजन करि लेहूं। वर्तमान ये चौविसों, करुणलय जिन देव, तिनको पृजन करत हो, रहत ने मवकी टेव।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *