शक्तिपात कुण्डलिनी महायोग | Shaktipaat Kundalini Mahayoga

शक्तिपात कुण्डलिनी महायोग | Shaktipaat Kundalini Mahayoga

शक्तिपात कुण्डलिनी महायोग | Shaktipaat Kundalini Mahayoga

शक्तिपात कुण्डलिनी महायोग | Shaktipaat Kundalini Mahayoga के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : शक्तिपात कुण्डलिनी महायोग है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Swami Vishnu Tirtha | Swami Vishnu Tirtha की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 17.7 MB है | पुस्तक में कुल 98 पृष्ठ हैं |नीचे शक्तिपात कुण्डलिनी महायोग का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | शक्तिपात कुण्डलिनी महायोग पुस्तक की श्रेणियां हैं : health

Name of the Book is : Shaktipaat Kundalini Mahayoga | This Book is written by Swami Vishnu Tirtha | To Read and Download More Books written by Swami Vishnu Tirtha in Hindi, Please Click : | The size of this book is 17.7 MB | This Book has 98 Pages | The Download link of the book "Shaktipaat Kundalini Mahayoga" is given above, you can downlaod Shaktipaat Kundalini Mahayoga from the above link for free | Shaktipaat Kundalini Mahayoga is posted under following categories health |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 17.7 MB
कुल पृष्ठ : 98

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

आजकल प्रायः यह धारणा हो गयी है कि योग का साधन केनल उग्र तपस्यायुक्त गृहत्यागी ही कर सकते हैं। परन्तु कोई भी भारतीय इस बात से अनभिज्ञ नहीं है कि हमारे पूर्वजों ने किस प्रकार गृहस्थ-धर्म का पालन करते हुए भी योग की सर्वोच्च भूमिकाओं को प्राप्त किया था। योगीराज भगवान् कृष्ण का आदर्श जीवन इस बात का प्रमाण है। गृहस्थ आश्रम में रह कर भी उनके दिव्य और अलौकिक गुण तथा कर्मों के कारण हम उन्हें साक्षात् ब्रह्म स्वीकार कर चुके हैं। गृहस्थ आश्रम में किया । हुआ साधन तो दोनों लोकों में कल्याणकारी होता है।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *