श्री भगवन्नाम-चिंतन | Shri Bhagvanaam Chintan

श्री भगवन्नाम-चिंतन | Shri Bhagvanaam Chintan

श्री भगवन्नाम-चिंतन | Shri Bhagvanaam Chintan के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : श्री भगवन्नाम-चिंतन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Hanuman Prasad Poddar | Hanuman Prasad Poddar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 59.9 MB है | पुस्तक में कुल 245 पृष्ठ हैं |नीचे श्री भगवन्नाम-चिंतन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्री भगवन्नाम-चिंतन पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

Name of the Book is : Shri Bhagvanaam Chintan | This Book is written by Hanuman Prasad Poddar | To Read and Download More Books written by Hanuman Prasad Poddar in Hindi, Please Click : | The size of this book is 59.9 MB | This Book has 245 Pages | The Download link of the book " Shri Bhagvanaam Chintan" is given above, you can downlaod Shri Bhagvanaam Chintan from the above link for free | Shri Bhagvanaam Chintan is posted under following categories dharm |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 59.9 MB
कुल पृष्ठ : 245

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अतएव भगवान्के जिस नाम या जिन नामों में अपना मन लगता हो, उसीका जप करे; परंतु नाम-जप करनेवालोंके लिये यह | परमाश्यक है कि वे प्रतिदिन नियमपूर्वक अधिक-से-अधिक संख्यामें नाम-जप अवश्य करें । इस नियमित जपके अतिरिक्त दिन-रात बिना स्मल्याके नाम-जप होता रहे, इसके लिये सावधानीके साथ प्रयत्नशील रहें । नियमित संख्याके नाम-जपका दृढ़ नियम होनेसे उतना जप तो प्रतिदिन पूरा हो ही जायगा; नहीं तो, नियम न रहनेपर किसी भी आयक-अनावश्यक कायमें समय लग जायगा और जो सबसे पहले करने योग्य तथा सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण कर्तव्य एवं जीवनमें अत्यावश्यक कार्य है, वह नाम-जप' छूट जायगा । मन धोखा देकर समझा देगा कि नियम थोड़े ही है, यह बट्टत जरूरी काम है, इसे कर लेना चाहिये ।

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