श्री चैतन्य महाप्रभु की शिक्षा | Shri Chaitanya Mahaprabhu Ki Shiksha

श्री चैतन्य महाप्रभु की शिक्षा | Shri Chaitanya Mahaprabhu Ki Shiksha

श्री चैतन्य महाप्रभु की शिक्षा | Shri Chaitanya Mahaprabhu Ki Shiksha के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : श्री चैतन्य महाप्रभु की शिक्षा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shreel Bhaktivinod Thakur | Shreel Bhaktivinod Thakur की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 606 KB है | पुस्तक में कुल 169 पृष्ठ हैं |नीचे श्री चैतन्य महाप्रभु की शिक्षा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्री चैतन्य महाप्रभु की शिक्षा पुस्तक की श्रेणियां हैं : Uncategorized, education, Knowledge

Name of the Book is : Shri Chaitanya Mahaprabhu Ki Shiksha | This Book is written by Shreel Bhaktivinod Thakur | To Read and Download More Books written by Shreel Bhaktivinod Thakur in Hindi, Please Click : | The size of this book is 606 KB | This Book has 169 Pages | The Download link of the book "Shri Chaitanya Mahaprabhu Ki Shiksha" is given above, you can downlaod Shri Chaitanya Mahaprabhu Ki Shiksha from the above link for free | Shri Chaitanya Mahaprabhu Ki Shiksha is posted under following categories Uncategorized, education, Knowledge |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : , ,
पुस्तक का साइज : 606 KB
कुल पृष्ठ : 169

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

आज विश्वमें अनेकानेक शिक्षाविदों द्वारा परिकल्पित विविध प्रकारकी शिक्षाएँ प्रचलित हैं। जो लोग उन शिक्षाको प्राप्त करते हैं, वे लोग अपनी पूर्व धारणानुसार श्री चैतन्यमहाप्रभुकी शिक्षाको भी प्रचलित शिक्षाओंके अन्तर्गत एक प्रकारकी शिक्षा मानते हैं। परन्तु उनकी वैसी धारणाएँ कोरी कल्पनाएँ ही हैं। इसका कारण यह है कि लौकिक शिक्षाएँ न्यूनाधिक रूपमें इन्द्रियज ज्ञानपर आधारित होती हैं। आँख, कान, आदि प्राकृत इन्द्रियोंके द्वारा प्राकृत पदार्थों के सम्बन्धमें जो ज्ञान प्राप्त होता है, वह प्राकृत ज्ञान होता है। इसलिए ये प्रचलित शिक्षाएँ प्राकृत हैं। दूसरी ओर श्रीचैतन्य महाप्रभुकी शिक्षाओंका विषय सम्पूर्ण इन्द्रियातीत अप्राकृत तत्त्व है। इसलिए उनकी शिक्षा प्रणालीमें प्रवेश करनेके लिए कुछ विशेष बातोंको जान लेना अत्यन्त आवश्यक है। यदि हम श्रीचैतन्य महाप्रभु की शिक्षा-प्रणालीको लौकिक शिक्षा प्रणालीकी श्रेणीमें रखकर सीखना चाहें, तो यह हमारी बड़ी भूल होगी।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.