श्रीक्रमनय प्रदीपिका | Shri Kramnaya Pradipika के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : श्रीक्रमनय प्रदीपिका है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 7.8 MB है | पुस्तक में कुल 71 पृष्ठ हैं |नीचे श्रीक्रमनय प्रदीपिका का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्रीक्रमनय प्रदीपिका पुस्तक की श्रेणियां हैं : Granth
Name of the Book is : Shri Kramnaya Pradipika | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 7.8 MB | This Book has 71 Pages | The Download link of the book "Shri Kramnaya Pradipika" is given above, you can downlaod Shri Kramnaya Pradipika from the above link for free | Shri Kramnaya Pradipika is posted under following categories Granth |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
आचार्य अभिनवगुप्तजी द्वारा रचित श्रीतंत्रालोक में बारह कालियों का वर्णन अतिरहस्यपूर्ण रीति से किया गया है। इस ग्रन्थ के चौथे आहिक यानी शाक्तोपाय में यद्यपि ग्रंथकार ने इस विषय पर एक विशद प्रकरण की रचना की है, तथापि विषय के गंभीर होने के कारण प्राय: जिज्ञासु-जन उसे समझने से वंचित ही रहते है