श्रीमद्वाल्मीकि रामायण बाल कांड | Shri Madwalmik Ramayan Bal Kand

श्रीमद्वाल्मीकि रामायण बाल कांड | Shri Madwalmik Ramayan Bal Kand

श्रीमद्वाल्मीकि रामायण बाल कांड | Shri Madwalmik Ramayan Bal Kand के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : श्रीमद्वाल्मीकि रामायण बाल कांड है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Pandit Chandrashekhar Shastri | Pandit Chandrashekhar Shastri की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 10 MB है | पुस्तक में कुल 212 पृष्ठ हैं |नीचे श्रीमद्वाल्मीकि रामायण बाल कांड का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्रीमद्वाल्मीकि रामायण बाल कांड पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

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पुस्तक का साइज : 10 MB
कुल पृष्ठ : 212

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कमल, नील कमल और मछलियों से युक्त उस पम्पा-सरोवरको देखकर रामचन्द्र व्याकुल हुए अर्थान कभी वे प्रसन्न होते और कभी दुःखी, कमल आदिके सीताके नेत्रसादृश्यसे ध्यान होते थे, वे रामचन्द्र लक्ष्मण के साथ रहने पर भी विलाप करने लगे । उस पम्पा-सरोवर को देखते ही हर्ष के कारण रामचन्द्रकी इन्द्रियाँ विचलित हुई, कमल आदि के देखनेसे उन्हें सीता के नेत्र आदिका मरण हुआ और उन्होंने समझा कि सीता ही सामने हैं इससे रामचन्द्र कामवश हुए अर्थात सीताको देखने की प्रबल इसके कारण सुनके हूँढनेके लिये अनेक प्रकार की चेष्टा करने लगे।

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