स्मरण कला | Smaran Kala

स्मरण कला | Smaran Kala

स्मरण कला | Smaran Kala के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : स्मरण कला है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dhirajlal Shah | Dhirajlal Shah की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 9.2 MB है | पुस्तक में कुल 292 पृष्ठ हैं |नीचे स्मरण कला का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | स्मरण कला पुस्तक की श्रेणियां हैं : science

Name of the Book is : Smaran Kala | This Book is written by Dhirajlal Shah | To Read and Download More Books written by Dhirajlal Shah in Hindi, Please Click : | The size of this book is 9.2 MB | This Book has 292 Pages | The Download link of the book " Smaran Kala" is given above, you can downlaod Smaran Kala from the above link for free | Smaran Kala is posted under following categories science |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 9.2 MB
कुल पृष्ठ : 292

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

पाश्चात्य मनोविज्ञान के आधार पर स्मृति को विकसित करने हेतु कई पुस्तके प्रकाशित हुई हैं। प्रस्तुत प्रकाशन मे स्मृति विकास हेतु भारतीय परम्परा के अवधान सिद्धान्त पर प्रारम्भिक प्रकाश डाला गया है । अाज भी, विशेष रूप से जैन परम्परा के कई अनुयायी अवधान प्रणाली के आधार पर विकसित स्मृति प्रदर्शित करते है। इन व्यक्तियों में एक साथ सौ प्रश्न पूछे जा सकते हैं, जिन्हे वे उसी प्रकार पुन उद्धृत कर देते है । इससे यह ज्ञात होता है कि स्मृति का कितना असाधारण विकास हो चुका है । ऐसे ही एक व्यक्ति धीरजभाई टोकरसी हैं ।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *