स्त्री विलाप | stree Bilap के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : स्त्री विलाप है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Aryadarpan | Aryadarpan की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Aryadarpan | इस पुस्तक का कुल साइज 1.6 MB है | पुस्तक में कुल 42 पृष्ठ हैं |नीचे स्त्री विलाप का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | स्त्री विलाप पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : stree Bilap | This Book is written by Aryadarpan | To Read and Download More Books written by Aryadarpan in Hindi, Please Click : Aryadarpan | The size of this book is 1.6 MB | This Book has 42 Pages | The Download link of the book "stree Bilap " is given above, you can downlaod stree Bilap from the above link for free | stree Bilap is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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निराकार निरलेप निरलेख स्वामी, पहुंचती है जिम को सबकी नमामौ वह जगदीश है जगत का सृजन हारा, नमस्कार जिसको सरवदा हमारा उसने बनाये मूर्य चन्द्र तारा, करेगा इसी कष्ट में वह वारा सनी प्यारियो तुम जो चाहो भलाई, करो ध्यान जगदीशका चित्तलगाई कहीं प्रेतीको कहां तक प्रभुताई, कोई दुष्ट इनसा ने दुनियां में पाई दृमी प्र तपोड़ा से व्याकुल है भारत, अविद्या में डूबा न सूझै यथारत इसी प्रेत पीड़ान कीन्हे दुख़ारी, भिजारी भिख़ारी भिखारी भिखारी ।