तर्क संग्रह | Tark Sangrah के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : तर्क संग्रह है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 02.55 MB है | पुस्तक में कुल 84 पृष्ठ हैं |नीचे तर्क संग्रह का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | तर्क संग्रह पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Tark Sangrah | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 02.55 MB | This Book has 84 Pages | The Download link of the book "Tark Sangrah" is given above, you can downlaod Tark Sangrah from the above link for free | Tark Sangrah is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
अब सामान्यको दिखाते हैं:-सामान्य दो प्रकारका है,एक तो परसामान्य है, दूसरा अपर सामान्य है सो सत्ताको नाम परसामान्य और द्रव्यत्वादिजातियों का नाम अपर सामान्य है जो अधिक देशमें रहे उसका नाम पर है और अल्प देशमें रहे। वह अपर है सो सत्ता सच द्रव्यत्वादिजातियों की अपेक्षा करके अधिक देश जो द्रव्य,गुण,कर्म तीनोंमें रहती है इसवास्ते वह पर कहाती है और इच्पत्य, गुणत्व, कर्मत्व सत्ताकी अपेक्षा करके अल्पदेश जो द्रव्य,गुण,कर्म उनमेही रहती है इस बास्ते यह अपर कहती है अर्थात् द्रव्यत्व द्रव्यमें ही रहती है गुणकर्ममें नहीं रहती और गुणत्व गुणमेही, कर्मत्व कर्ममँही रहती है अन्यमें नहीं इसीसे यह सत्तासे अपर हैं |