तत्त्व चिंतामणि | Tattva Chintamani के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : तत्त्व चिंतामणि है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Jaydayal Goyandka | Jaydayal Goyandka की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Jaydayal Goyandka | इस पुस्तक का कुल साइज 19 MB है | पुस्तक में कुल 409 पृष्ठ हैं |नीचे तत्त्व चिंतामणि का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | तत्त्व चिंतामणि पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, Spirituality -Adhyatm
Name of the Book is : Tattva Chintamani | This Book is written by Jaydayal Goyandka | To Read and Download More Books written by Jaydayal Goyandka in Hindi, Please Click : Jaydayal Goyandka | The size of this book is 19 MB | This Book has 409 Pages | The Download link of the book "Tattva Chintamani" is given above, you can downlaod Tattva Chintamani from the above link for free | Tattva Chintamani is posted under following categories dharm, Spirituality -Adhyatm |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
सत्य-सुखके विघातक जड़वादके इस विकास-युगमें, जहां ईश्वर और ईश्वरीय चर्चाको व्यर्थ बतलाने और माननेका दुःसाहस किया जा रहा है, जहां परलोकका सिद्धान्त कल्पनाप्रसूत समझा जाता है, जहां ज्ञान-वैराग्य-भक्तिकी बातोंको अनावश्यक और देश-जातिकी उन्नतिमें प्रतिबन्धकरूप बतलाया जाता है, जहां भौतिक उन्नतिको ही मनुष्य-जीवनका परम ध्येय समझा जाने लगा है, जहां केवल इन्द्रिय-सुख ही परम सुख माना जाता है और जहां प्रायः समूचा साहित्य-क्षेत्र जड़उन्नतिके विधायक ग्रन्थों, मौज-शौकके उपन्यासों और गल्पों एवं कुरुचि-उत्पादक शब्दाडम्बरपूर्ण रसीली कविताओंकी बाढ़से बहा जाता है, वहां भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और निष्काम कर्मयोगविषयक तात्त्विक विषयोंकी पुस्तकसे सबको सन्तोष होना बहुत ही कठिन है |