तत्त्व चिंतामणि भाग – ३ | Tattva Chintamani Part – 3 के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : तत्त्व चिंतामणि भाग – ३ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 105.9 MB है | पुस्तक में कुल 472 पृष्ठ हैं |नीचे तत्त्व चिंतामणि भाग – ३ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | तत्त्व चिंतामणि भाग – ३ पुस्तक की श्रेणियां हैं : Spirituality -Adhyatm
Name of the Book is : Tattva Chintamani Part – 3 | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 105.9 MB | This Book has 472 Pages | The Download link of the book "Tattva Chintamani Part – 3 " is given above, you can downlaod Tattva Chintamani Part – 3 from the above link for free | Tattva Chintamani Part – 3 is posted under following categories Spirituality -Adhyatm |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
परमेश्वर गुणातीत हैं और सर्व सद्गुणोंसे पूर्ण हैं। उनके गुण अनन्त हैं, असीम हैं, शेष-शारदा आदि भी उनके गुणोंका वर्णन करने में असमर्थ हैं। मुझ-सरीखा साधारण मनुष्य क्या वर्णन करे । उनके गुणोंका वाणीसे वर्णन करना वैसा ही है जैसे अनन्त धनराशिके स्वामीको लखपती कहना अथवा सूर्यके साथ जुगुनूके समुदायकी उपमा देना । उस अनन्त गुणसागर प्रभुके एक गुणका भी भलीभाँति समझना और समझाना अत्यन्त ही कठिन है, फिर सब गुणों का वर्णन तो हो ही कैसे सकता है ? तथापि शास्त्रों के आधारपर कुछ लिखा जाता है ।