तेरा हार | Tera Har के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : तेरा हार है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Harivansh Ray Bachchan | Harivansh Ray Bachchan की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Harivansh Ray Bachchan | इस पुस्तक का कुल साइज 550 KB है | पुस्तक में कुल 100 पृष्ठ हैं |नीचे तेरा हार का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | तेरा हार पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry
Name of the Book is : Tera Har | This Book is written by Harivansh Ray Bachchan | To Read and Download More Books written by Harivansh Ray Bachchan in Hindi, Please Click : Harivansh Ray Bachchan | The size of this book is 550 KB | This Book has 100 Pages | The Download link of the book " Tera Har " is given above, you can downlaod Tera Har from the above link for free | Tera Har is posted under following categories Poetry |
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अपना हार तुझे पहनाने के साथ ही तुझसे एक बात कह देना चाहता हूँ-मानेगी ? सुन चचले ! मेरे इस हार को औरों को दिखाती ने फिरना। इन कलियों को मधुर-स्मृति-मय सुगंध को समझने वाले केवल दो ही व्यक्ति हैं- एक तो, मेरी –मेरी कविता, और एक, तेरा मैं तेरा कबि । 'तेरा कवि, क्योंकि मैं चमझता हूँ कि संसार में मुझे अपने को कवि कहलाने की योग्यता नहीं है। यदि मै ऐसा दावा करूंगा तो वह मुझ पर हँसेगा । वह तो मुझे 'तेरा कवि' कहलाने पर भी होगा। पर इस उपाधि को ( और यह भी तो तेरी ही दी हुई है न ?) तो मैं उबके भय से नहीं छोड़ सकला। वह मुझ पर हँसे और तूने हुँते। मुझे इसका कोई दुःख नहीं है, क्योंकि मेरे सिर यह कोई नई बता नहीं। ससार हुनेशा से ही मुझ पर हँसता आया है।