उपमा कालिदासस्य | Upma Kalidassya

उपमा कालिदासस्य | Upma Kalidassya

उपमा कालिदासस्य | Upma Kalidassya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : उपमा कालिदासस्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Shashibhushan Das Gupta | Shri Shashibhushan Das Gupta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 14.5 MB है | पुस्तक में कुल 122 पृष्ठ हैं |नीचे उपमा कालिदासस्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | उपमा कालिदासस्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : history

Name of the Book is : Upma Kalidassya | This Book is written by Shri Shashibhushan Das Gupta | To Read and Download More Books written by Shri Shashibhushan Das Gupta in Hindi, Please Click : | The size of this book is 14.5 MB | This Book has 122 Pages | The Download link of the book "Upma Kalidassya" is given above, you can downlaod Upma Kalidassya from the above link for free | Upma Kalidassya is posted under following categories history |


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पुस्तक का साइज : 14.5 MB
कुल पृष्ठ : 122

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उपमा तो कालिदास की'यह कथन प्रसिद्धि से पर उठकर अब प्रायः लोकोक्ति में परिणत हो गया है। संस्कृत-साहित्यालोचना की परिधि पार कर अब सालंकार वाक्चातुर्य के प्रसंग में भी यह कथन शिथिल रूप से प्रयुक्त होते देखा जाता है। जब हम कालिदास की उपमा की बात करते हैं, तब हम लोग केवल उनके उपमा-अलंकार के प्रयोग-नैपुण्य की ही बात नहीं करते, उनकी एक विशेष प्रकार की अननुकरणीय सालंकार प्रकाशभंगिमा की ही बात करते हैं। इसलिए कालिदास के सम्बन्ध में उपमा शब्द का वान्यायं सब प्रकार के अलंकार हैं।

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