विश्व कोश भाग X | Vishv Kosh Bhag X

विश्व कोश भाग X : वसु नगेन्द्र नाथ | Vishv Kosh Bhag X : Vasu Nagendra Nath

विश्व कोश भाग X : वसु नगेन्द्र नाथ | Vishv Kosh Bhag X : Vasu Nagendra Nath के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : विश्व कोश भाग X है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Vasu Nagendra Nath | Vasu Nagendra Nath की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 67.3MB है | पुस्तक में कुल 768 पृष्ठ हैं |नीचे विश्व कोश भाग X का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | विश्व कोश भाग X पुस्तक की श्रेणियां हैं : education

Name of the Book is : Vishv Kosh Bhag X | This Book is written by Vasu Nagendra Nath | To Read and Download More Books written by Vasu Nagendra Nath in Hindi, Please Click : | The size of this book is 67.3MB | This Book has 768 Pages | The Download link of the book "Vishv Kosh Bhag X" is given above, you can downlaod Vishv Kosh Bhag X from the above link for free | Vishv Kosh Bhag X is posted under following categories education |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 67.3MB
कुल पृष्ठ : 768

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नो दाता, देखर चूला आदि पञ्च पञ्च कार्य मम शा५५ मा १० पर अध। अग
१। क्रि श ४ मा रामः । । ईसा मकान। अश शम्य व गणर्मा,
मना ।। काम और दोहो बारी तथा गोधादिम घा है।
मानौ दगावे अब प्रति अगई शामें को दशामा । मा॥ ३० दिन शनिको
मनुच पुग्ध, १.६ पाहि ॥ देवा घोर आण
॥ अश करा १५ शाश ।। इमा गावी झा। इस मम विशय, या कि आदि अनेक प्रकारचे पान होते हैं। मतान्तर
मास्को द १० मा ५० र राष्ट्र प्रहमें अना। शाते निकों में श. शक
ईशाका काम है। इस समय काम, अग्नि, चौर, मम गि, शोर और सम्मान नाश हो ।
म और वित्तमाम् । ममार होगा । अप या १माम ५० दिन आपको
१ १३ १ वर्ष मR १* । प्रम tणा कार ।। इस समय मदों ४, म,
अन्तर्दशाका पत्र है। इस मठ भनाश, और यह
भयं च सौ राजभव होता है। , १५ घर हर शर मरता है। चनो दम। अयं इमाम राको धमारी शाळा
मागी दमा ५ मास १० दिन उपवको घा
इशारा काम है। इस समय चल पेय, जिम डाश ।। इस शमा म आजारा गोल और नाश
सोशाम धा दी हुई है। होता है या वह घोड़ा मम भो सूची नहीं हो सकता
मदनकदमें १ वय १ माय १० दिन चन्द्रकौ । मतान्तरमेघब्किभय, कुण, न, अनुमिचंद
आई माका काल है। इस समय नाना प्रकारको और अनशन पोता है।
nr, , E और ॥ थाई भूषण घानि की घशाचे ५ वे ११ मम शम घनादेशाः
।।।। = शमय है। इस समय मनुष्य उमायोलम, धन,
उधक म = १२ व} [कामेंगे २ वर्ष = ८. सुश, मयि बाद ला कर को होता है।
मम ३ दिन २० इस उमगो निन इशामा मात्र है। चनाको दशम • मास रजो अमा। मान
इस समस मनु को त्याग करता, इविो वि होतो ।। मम मश राजा पयः पय । चतुन १ असा अग, शोभाय पर चल पn ।। ऐ लाभ कला है।
कुचकी दयाने १ । मम ५ दिन • दृढ़ मङ्गनौ स दशा ६ वर्ष जिसमें तो
मनिको भनाईमा छ। सन सप्त वामः, पप गामाथ । दि ५६ छ। फलको रुप
में, गाने माय विगा। घोर विदेशगमन धादि जिन मम माया मना. अग्निदाः ।
३ है। शारीरिक पीड़ा हो ।
भो दशामें ३ सय ११ मम २६ छि व * मानको दशाये । १ । माम् ३० अषकः ।
सnनी घाईमा कान है। इस समय मग गामा र ३ ॥ अगा सः चोर, गम्, र
। कारा, या भिजाम, भगम पर र जिसे भय या नाना प्रकार अनप्लाया और |
शता ।। राई होते हैं।
क इमाने । मर्म । मम ३० दिन इसे | को इसमें ८ मा १५ दिन * इस मनिको
अनाकाश ।। मम बान् अभिम, रगड गामा काम ।। 8 मा धनराय, मनाः।
अयम, Iानाम अजग का है। दियो घादि इव ते ।।
नी माम। ३ माम १० दिन शवको घ नरको वा । अयं ४ व २५ इन ४० च।
ईशा बात है। इस समय मदर इवान् घोर iिalघनाद च न ।। रस मम मतुर] la wi।।

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