विविध प्रसंग | Vividh Prasang

विविध प्रसंग | Vividh Prasang

विविध प्रसंग | Vividh Prasang के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : विविध प्रसंग है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Amrit Rai | Amrit Rai की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 52 MB है | पुस्तक में कुल 550 पृष्ठ हैं |नीचे विविध प्रसंग का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | विविध प्रसंग पुस्तक की श्रेणियां हैं : history

Name of the Book is : Vividh Prasang | This Book is written by Amrit Rai | To Read and Download More Books written by Amrit Rai in Hindi, Please Click : | The size of this book is 52 MB | This Book has 550 Pages | The Download link of the book "Vividh Prasang " is given above, you can downlaod Vividh Prasang from the above link for free | Vividh Prasang is posted under following categories history |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 52 MB
कुल पृष्ठ : 550

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

जिस भाषा और साहित्यको चर्चा आगे की गयी है, उसकी खोजखबरकी कहानी पचास साल पुरानी है । वैसे सन् १८७७ में प्रसिद्ध जर्मन विद्वान् पिशल, हेमचन्द्रके 'सिद्धहेमशब्दानुशासन' के प्राकृत अशका सम्पादन कर चुके थे, फिर भी अपभ्रशपर शोध-कार्यका प्रारम्भ उस समयसे होता है जब सन् १९०२ में पिशल महोदयने अपना 'मारेरी अलिएन सुर केण्टिनम डेस अपभ्रश' लेख प्रकाशित किया । तब से अबतक जो शोध कार्य हुआ, उसकी कुल तीन भूमिकाएँ है—पहली भूमिकापर तर्क और तथ्य इस बातपर केन्द्रित रहे कि क्या अपभ्रंश लोकभाषा थी । दूसरी भूमिकापर आकर इसके साहित्यको सम्पादन-प्रकाशन-परम्परा प्रारम्भ होती है।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.