गाँव का बच्चा : जेन कोवेन फ्लैचर | Village Child : Jane Cowen Fletcher के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : गाँव का बच्चा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Jane Cowen Fletcher | Jane Cowen Fletcher की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Jane Cowen Fletcher | इस पुस्तक का कुल साइज 3 MB है | पुस्तक में कुल 34 पृष्ठ हैं |नीचे गाँव का बच्चा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गाँव का बच्चा पुस्तक की श्रेणियां हैं : children, inspirational, Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Village Child | This Book is written by Jane Cowen Fletcher | To Read and Download More Books written by Jane Cowen Fletcher in Hindi, Please Click : Jane Cowen Fletcher | The size of this book is 3 MB | This Book has 34 Pages | The Download link of the book "Village Child" is given above, you can downlaod Village Child from the above link for free | Village Child is posted under following categories children, inspirational, Stories, Novels & Plays |
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हमारे देश की तरह, अफ्रीका के गाँवों में भी लोग मिल-जुलकर रहते हैं। पूरा गाँव एक परिवार की तरह होता है। यह उसी भाईचारे की कहानी है।
सप्ताह में एक या दो बार हाट लगता है - न केवल हमारे गाँवों में, हमारे शहरों के अलग-अलग मोहल्लों में भी। इसी तरह अफ्रीका के गाँवों में भी बाज़ार लगता है। वहाँ खरीदने और बेचने वाले, वहीं आस-पास के लोग होते हैं। तरह-तरह की चीजें वहाँ मिलती हैं और उनसे लोग अपनी खाने-पीने और पहनने की जरूरतें पूरी करते हैं।
बाज़ार का दिन एक-दूसरे से मिलने-जुलने और हाल-चाल जानने का दिन भी होता है। रिश्तेदारों, दोस्तों और परिचितों से मेल-मिलाप का दिन।
अफ्रीका की एक कहावत है, “एक बच्चे के लालन-पालन में पूरा गाँव लगता है।'' कोकू की यह कहानी इस बात को सिद्ध करती है।