अमर प्रेम | Amar Prem के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : अमर प्रेम है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ashutosh Dhar | Ashutosh Dhar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Ashutosh Dhar | इस पुस्तक का कुल साइज 745 है | पुस्तक में कुल 56.3 MB पृष्ठ हैं |नीचे अमर प्रेम का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अमर प्रेम पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Amar Prem | This Book is written by Ashutosh Dhar | To Read and Download More Books written by Ashutosh Dhar in Hindi, Please Click : Ashutosh Dhar | The size of this book is 745 | This Book has 56.3 MB Pages | The Download link of the book "Amar Prem" is given above, you can downlaod Amar Prem from the above link for free | Amar Prem is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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वह ड्रेसिंग टेबल पर झुक गई और दीवाल में लगे सुनहरी फ्रेम वाले शीशे में अपना मुख देखने लगी । यह सोचकर उसे आश्चर्य हुआ कि व्यक्ति अपने चेहरे के अध्ययन में कितना ही समय बिता देता है फिर भी उसको उसका पर्याप्त ज्ञान नहीं होता। निस्सन्देह उसकी नाक में तो कोई परिवर्तन नहीं हुआ था । बहू उसी प्रकार छोटी और नुकीली थी, किन्तु, अन्य सब कुछ उसके स्वभाव के साथ बदलता प्रतीत होता था। उसका ऊपर का पतला होठ उसके चेहरे पर बहुत सुन्दर लग रहा था तथा निचला भरा हुआ और आकर्षक था। उसके चौड़े माथे पर लटकती हुई लट सुनहरी थी और शेष केशराशि गहरे भूरे रंग की। उसकी बड़ी-बशी गहरी नी प्रास्त्रों की दृष्टि देखने में तीक्ष्ण किन्तु भीतर से अत्यन्त गह्न थी । आज रात वह प्रसन्न थी और उसकी आखों में कभी-कभी अनायास झलकने वाली निराशा दृष्टिगोचर नहीं होती थी।उसे माभास हुआ कि कोई उसे देख रहा है। उसने शीशे के दाहिनी और दृष्टि डाली ।