अमर लाभ | | Amar Labh

अमर लाभ | Amar Labh

अमर लाभ | Amar Labh के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : अमर लाभ | है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Hiramuni Ji | Shri Hiramuni Ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1.9 MB है | पुस्तक में कुल 88 पृष्ठ हैं |नीचे अमर लाभ | का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अमर लाभ | पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, Knowledge

Name of the Book is : Amar Labh | This Book is written by Shri Hiramuni Ji | To Read and Download More Books written by Shri Hiramuni Ji in Hindi, Please Click : | The size of this book is 1.9 MB | This Book has 88 Pages | The Download link of the book "Amar Labh" is given above, you can downlaod Amar Labh from the above link for free | Amar Labh is posted under following categories dharm, Knowledge |


पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 1.9 MB
कुल पृष्ठ : 88

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भारत सदा से सतो की तपो भूमि रहा है । तप इस राष्ट्र की अपार निधि है । यही कारण है कि आदिकाल से भारतीय संस्कृति सन्तो की सस्कृति रही है। सन्त का जीवन ज्ञान, विवेक और वैराग्य का प्रशस्त पथ है । वह वासनामौ तथा कामनामी का निरोधक है यही कारण है कि सन्त भारतीय जनजीवन में पूरा समा गया है। तप उसकी आत्मा है । वह सयम और तप से अपने आपको पवित्र करता है और साधना के महापथ पर दृढ संकल्प से आगे बढ़ता है। भारतीय जनमानस उसके इसी आदर्श की आराधना एव उपासना करता है। उसकी आराधना पावन माद की प्रतीक है तथा श्रद्धा का केन्द्र बिन्दु है । बीसवीं शत ब्दी में ऐसे ही दो तप पूत सन्तौ के अवतरण से वीर भूमि राजस्थान देदीप्यमान हो उठी थी जिनके साधनामय जीवन से तप का स्रोत वेगवान् हुआ था

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