पन्त का काव्य और युग | Pant Ka Kavya Aur Yug के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : पन्त का काव्य और युग है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Yashdev | Yashdev की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Yashdev | इस पुस्तक का कुल साइज 25.1 MB है | पुस्तक में कुल 401 पृष्ठ हैं |नीचे पन्त का काव्य और युग का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पन्त का काव्य और युग पुस्तक की श्रेणियां हैं : science
Name of the Book is : Pant Ka Kavya Aur Yug | This Book is written by Yashdev | To Read and Download More Books written by Yashdev in Hindi, Please Click : Yashdev | The size of this book is 25.1 MB | This Book has 401 Pages | The Download link of the book "Pant Ka Kavya Aur Yug" is given above, you can downlaod Pant Ka Kavya Aur Yug from the above link for free | Pant Ka Kavya Aur Yug is posted under following categories science |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
भूत विज्ञान में आमूल क्रान्ति हो जाने से—जिसका अधिक श्रेय अल्बर्ट आइंस्टीन को है-दर्शन के क्षेत्र में भी क्रान्ति हो गई है। कुछ तो इस कारण से, कुछ स्वयं अपनी चिन्तन-प्रणाली के कारण मेरी विश्व की दार्शनिक व्याख्या, जो नूतन रहस्यवाद में की गई है, ठीक वहीं नहीं है जो माक्र्स की थी। माक्र्स को, मैं समझता हैं यदि वह देखें तो, प्रसन्नता ही होगी कि विज्ञान ने आगे उन्नति कर के दर्शन में इतनी क्रान्ति ला दी है।