परावर्तन क्यों व कैसे | Paravartan Kyun Aur Kese के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : परावर्तन क्यों व कैसे है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Rajeshwar | Rajeshwar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Rajeshwar | इस पुस्तक का कुल साइज 5.62 MB है | पुस्तक में कुल 63 पृष्ठ हैं |नीचे परावर्तन क्यों व कैसे का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | परावर्तन क्यों व कैसे पुस्तक की श्रेणियां हैं : inspirational
Name of the Book is : Paravartan Kyun Aur Kese | This Book is written by Rajeshwar | To Read and Download More Books written by Rajeshwar in Hindi, Please Click : Rajeshwar | The size of this book is 5.62 MB | This Book has 63 Pages | The Download link of the book "Paravartan Kyun Aur Kese" is given above, you can downlaod Paravartan Kyun Aur Kese from the above link for free | Paravartan Kyun Aur Kese is posted under following categories inspirational |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
आगे इसी पुस्तक में राजेश्वर जी ने बताया है कि किस प्रकार सऊदी अरब की इस्लामी सरकार ने एक भारतीय कन्स्ट्रक्शन कम्पनी के कर्मचारी रामकुमार भारद्वाज को 'सत्यार्थ । प्रकाश' नामक धर्म-ग्रंथ पढ़ने के अपराध में बन्दी बनाकर दण्डित किया था। मैं पूरी जानकारी के लिए यह भी बता देना आवश्यक समझता हूँ कि राजकुमार को केवल जेल की सजा ही नहीं हुई अपितु उस युवक को अन्त में सउदी अदालत ने सजाए मौत का फैसला किया और राजकुमार को फाँसी की सजा दी गयी। उस युवक ने काल-कोठरी से सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा को सूचित किया कि मुझे अगले सप्ताह फॉसी हो जायेगी।