गीता का भक्ति योग | Gita Ka Bhakti Yog के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : गीता का भक्ति योग है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 2.87 MB है | पुस्तक में कुल 217 पृष्ठ हैं |नीचे गीता का भक्ति योग का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गीता का भक्ति योग पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Gita Ka Bhakti Yog | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 2.87 MB | This Book has 217 Pages | The Download link of the book "Gita Ka Bhakti Yog" is given above, you can downlaod Gita Ka Bhakti Yog from the above link for free | Gita Ka Bhakti Yog is posted under following categories dharm |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
श्रीमद्भगवद्गीताके प्रचार-प्रसारमें ही जीवन दृत्तचित्त परमश्रद्धेय ब्रह्मलीन श्रीजयदयालजी गोयन्दकाके शब्दोंमें श्रीमद्भगवद्गीता साक्षात् भगवान्की दिव्य वाणी है। इसकी महिमा अपार, अपरिमित है। उसका यथार्थ वर्णन फोई नहीं फर सकता। शेप, महेश, गणेश भी इसकी महिमाको पूरी तरहसे नहीं कह सकते; फिर मनुष्यकी तो बात ही क्या है।xxx गीता एक परम रहस्यमय ग्रन्थ है। इसमें सम्पूर्ण वेदोंका सार संग्रह किया गया है। इसकी रचनी इतनी सरल और सुन्दर है। कि थोड़ा अभ्यास करनेसे भी मनुष्य इसको सहज ही समझ सकता है, परंतु इसका आशय इतना गूढ़ और गम्भीर है |