वेद परिचय भाग – ३ | Ved Parichay Part – 3 के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : वेद परिचय भाग – ३ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shripad Damodar Satwalekar | Shripad Damodar Satwalekar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shripad Damodar Satwalekar | इस पुस्तक का कुल साइज 6.34 MB है | पुस्तक में कुल 237 पृष्ठ हैं |नीचे वेद परिचय भाग – ३ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | वेद परिचय भाग – ३ पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Ved Parichay Part – 3 | This Book is written by Shripad Damodar Satwalekar | To Read and Download More Books written by Shripad Damodar Satwalekar in Hindi, Please Click : Shripad Damodar Satwalekar | The size of this book is 6.34 MB | This Book has 237 Pages | The Download link of the book " Ved Parichay Part – 3" is given above, you can downlaod Ved Parichay Part – 3 from the above link for free | Ved Parichay Part – 3 is posted under following categories dharm |
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अपने शरीरमें शास-उच्छ्वासरूप प्राण चल रहा है और जन्मसे गायुपर्यंत यह कार्य करती रहता है । सब इंद्रिय और अवयव मर जानेके पश्चात् भी कुछ देरतक प्राण कार्य करता है, इसलिये सबमें प्राणी मुख्य है और वह सबका आधार भी है। अपने प्राणको फेवल साधारण वासरूपही समझना नहीं चाहिये, परन्तु उसको श्रेष्ठ दिव्य शक्तिका अंश समझना उचित है । मनकी इच्छाशक्तिसे प्रेरित प्राण सयही दारीरको मारोग्य संपादन करनेमें समर्थ होता है, इस दृष्टिसे प्राणका मद्दण सय दारीरमें अधिक है। इसके मद्दवको समझना र सदा मनमें धारण करना चाहिये ।