प्रकृति-विज्ञान | Prakriti Vigyan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : प्रकृति-विज्ञान है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Devi Prasad Verma | Devi Prasad Verma की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Devi Prasad Verma | इस पुस्तक का कुल साइज 4.1 MB है | पुस्तक में कुल 164 पृष्ठ हैं |नीचे प्रकृति-विज्ञान का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | प्रकृति-विज्ञान पुस्तक की श्रेणियां हैं : science
Name of the Book is : Prakriti Vigyan | This Book is written by Devi Prasad Verma | To Read and Download More Books written by Devi Prasad Verma in Hindi, Please Click : Devi Prasad Verma | The size of this book is 4.1 MB | This Book has 164 Pages | The Download link of the book "Prakriti Vigyan" is given above, you can downlaod Prakriti Vigyan from the above link for free | Prakriti Vigyan is posted under following categories science |
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हमारी इस जमात के लिए शुरू से ही एक बहुत बड़ी आसानी थी । शुरू में ही यह तय कर लिया गया था कि जिस विषय पर भी चर्चा की जायगी वह मनुष्य को केन्द्र मानकर की जायगी जो आदमी चित्र बनाता है वहीं अदमी जिंदा रहने के लिए खाना और कपड़ा भी चाहता है। जिदा रहने के लिए खाना-कपड़ा जुटाना अर्थशास्त्र का सवाल है और चित्र बनाना ललित-कला का एक ही अदमी दो दिशाम्रों में कोशिश करता है, इसलिए इन दोनों दिशाओं के बीच सम्बन्ध होना लाजमी है। अगर इस सम्बन्ध को ध्यान में न रखा जाय तो यह ख्याल पैदा हो सकता है