वर्णी – वाणी | Varni – Vani के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : वर्णी – वाणी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : narendra | narendra की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : narendra | इस पुस्तक का कुल साइज 7.1 MB है | पुस्तक में कुल 458 पृष्ठ हैं |नीचे वर्णी – वाणी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | वर्णी – वाणी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Spirituality -Adhyatm
Name of the Book is : Varni – Vani | This Book is written by narendra | To Read and Download More Books written by narendra in Hindi, Please Click : narendra | The size of this book is 7.1 MB | This Book has 458 Pages | The Download link of the book "Varni – Vani" is given above, you can downlaod Varni – Vani from the above link for free | Varni – Vani is posted under following categories Spirituality -Adhyatm |
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हम लोग अनादि काल से पराधीन हो रहे हैं अतः पर से ही आत्मकल्याण की प्राप्ति चाहते है। परन्तु मेरी तो यह दृढ़ श्रद्धा है की पर के दवारा किया गया कार्य । कल्याणपथ का कारण नहीं जैसे कोई यह माने की मैंने धन दिया तब क्या पुण्य पर आप उससे प्रश्न कीजिये की क्या भाई धन तेरी वस्तु है जो उसे देने का अधिकारी बनता है। ? वास्तव में तेरा स्वरूप तो