फूल और पत्थर | Phool Aur Patthar के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : फूल और पत्थर है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Krishan Chandra | Krishan Chandra की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Krishan Chandra | इस पुस्तक का कुल साइज 7 MB है | पुस्तक में कुल 164 पृष्ठ हैं |नीचे फूल और पत्थर का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | फूल और पत्थर पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Phool Aur Patthar | This Book is written by Krishan Chandra | To Read and Download More Books written by Krishan Chandra in Hindi, Please Click : Krishan Chandra | The size of this book is 7 MB | This Book has 164 Pages | The Download link of the book " Phool Aur Patthar " is given above, you can downlaod Phool Aur Patthar from the above link for free | Phool Aur Patthar is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
देश-भक्त' अखबार जब रविवार के दिन प्रकाशित होकर बाजार में आया तो दस मिनट में सब चिक गया | एक कापी भी बाकी न रही। दूसरे दिन अखबार के दफ्तर के बाहर अखबार पढ़ने वालों की भीड़ जमा थी । वे लोग दफ्तर को आग लगाने की कोशिश कर रहे थे; लेकिन पुलिस की सहायता से स्थिति पर काबू किया गया। प्रधान सम्पादक और अन्य सम्पादकों ने मिलकर मेरी ठुकाई की। इसीलिए मैं यह सब अस्पताल में बैठा लिख रहा हूँ। आप समझते होंगे कि मेरा ज्योतिष गलत निकला । मेरा ज्योतिष शत-प्रतिशत सच निकला-इतना सच कि लोग इसे सहन न कर सके । लोग अखबारी ज्योतिषी के पास सचाई ने नहीं जाते, अपने झुटे, सपने देखने जाते हैं। यही मैंने गलती की।