जवाहरकिरणावली | Javahar Kiranawali के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : जवाहरकिरणावली है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Javahar Lal Ji | Shri Javahar Lal Ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Javahar Lal Ji | इस पुस्तक का कुल साइज 8.5 MB है | पुस्तक में कुल 330 पृष्ठ हैं |नीचे जवाहरकिरणावली का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | जवाहरकिरणावली पुस्तक की श्रेणियां हैं : Spirituality -Adhyatm
Name of the Book is : Javahar Kiranawali | This Book is written by Shri Javahar Lal Ji | To Read and Download More Books written by Shri Javahar Lal Ji in Hindi, Please Click : Shri Javahar Lal Ji | The size of this book is 8.5 MB | This Book has 330 Pages | The Download link of the book "Javahar Kiranawali" is given above, you can downlaod Javahar Kiranawali from the above link for free | Javahar Kiranawali is posted under following categories Spirituality -Adhyatm |
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साधना के स्वरूप, लक्ष्य और मार्ग को समझने के लिए सर्वप्रथम ज्ञान की आवश्यकता है । ज्ञान के अभाव में साधक आत्मा अगर साधना के लिए उद्यत हो जाता है तो भी वह गलत राह पर चल पड़ता है और कभी-कभी ऐसा विपरीत मार्ग पकड़ लेता है कि वह अपनी साधना के लक्ष्य के सन्निकट पहुँचने के बदले अधिकाधिक दूर होता चला जाता है। उसकी साधना निरर्थक हो जाती है। अतएव ज्ञान को साधना का प्रथम अंग अंगीकार किया गया है। शास्त्रकार कहते हैं