धाँसू | Dhansu के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : धाँसू है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Govind Mishra | Govind Mishra की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Govind Mishra | इस पुस्तक का कुल साइज 2 MB है | पुस्तक में कुल 128 पृष्ठ हैं |नीचे धाँसू का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | धाँसू पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Dhansu | This Book is written by Govind Mishra | To Read and Download More Books written by Govind Mishra in Hindi, Please Click : Govind Mishra | The size of this book is 2 MB | This Book has 128 Pages | The Download link of the book "Dhansu" is given above, you can downlaod Dhansu from the above link for free | Dhansu is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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केवर साहव कहते है, तुम साले दोगले हो'फिर उसी कुलच्छिनी को घर बिठाने की फिराक में हो। मैं कहता हूँ, फद्दे को भाई लच्छमी पागल हो गया तो फद्दे उसे जंजीर मे बाँधकर कमरे में वन्द रखता है लच्छमी की बीवी उसके लिए रोटियाँ ले जाती है, दोनों समय । वह बाहर निकलता है तो लौंडे-लपाडे उस पर पत्थर बरसाते हैं। भई सवाल ये है कि और सव बन्दोबस्त तो उन्होंने कर दिये, असली चीज भूल गये। मुझे रोटी भी तो चाहिए बुढापे में तो और भी ।