दमा एक अनबूझ पहेली : एम् पी एस मेनन | Dama Ek Anbujh Paheli : M P S Menon

दमा एक अनबूझ पहेली : एम् पी एस मेनन | Dama Ek Anbujh Paheli : M P S Menon

दमा एक अनबूझ पहेली : एम् पी एस मेनन | Dama Ek Anbujh Paheli : M P S Menon के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : दमा एक अनबूझ पहेली है | इस पुस्तक के लेखक हैं : M P S Menon | M P S Menon की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1.7 MB है | पुस्तक में कुल 64 पृष्ठ हैं |नीचे दमा एक अनबूझ पहेली का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | दमा एक अनबूझ पहेली पुस्तक की श्रेणियां हैं : health, Knowledge

Name of the Book is : Dama Ek Anbujh Paheli | This Book is written by M P S Menon | To Read and Download More Books written by M P S Menon in Hindi, Please Click : | The size of this book is 1.7 MB | This Book has 64 Pages | The Download link of the book "Dama Ek Anbujh Paheli" is given above, you can downlaod Dama Ek Anbujh Paheli from the above link for free | Dama Ek Anbujh Paheli is posted under following categories health, Knowledge |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 1.7 MB
कुल पृष्ठ : 64

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प्रस्ताक्ना
एक प्रतिशत भारतीय दमा के संभावित रोगी हैं। यह वास्तव में एक बहुत बड़ी संख्या है। इनमें से बहुत से हर रोज औषधि का सेवन करते हैं और कितने ही नियमित रूप से विभिन्न चिकित्सकों व विशेषज्ञों से सलाह लेते हैं। यह जानते हुए भी कि इस पुरातन रोग का कोई निश्चित इलाज नहीं है, रोगियों की चिकित्सकों पर निर्भरता कम नहीं हुई है और न ही चिकित्सकों का यह विश्वास ही कम हुआ है कि वे अपने रोगियों को स्वस्थ कर सकते हैं।
जिन व्यक्तियों को दमा में विशेष रुचि है वे मानते हैं कि इस रोग को नियत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका रोगियों को स्वयं अपनी देखभाल करना सिखाना, उपलब्ध दवाओं को इस्तेमाल करने के बारे में जानकारी देना तथा उस स्थिति का ज्ञान कराना है, जब वे चिकित्सक की मदद लें। इस उद्देश्य की पूर्ति कई बातों पर निर्भर करती है : (1) स्वयं चिकित्सकों को दमा रोग तथा साथ ही सभी प्रकार के उपचारों में उत्पन्न पक्षीय प्रभावों की स्पष्ट समझ होनी चाहिए, (2) उनमें रोगियों को जानकारी देने व शिक्षित करने की भावना होनी चाहिए, (3) साथ ही रोगियों में भी अपने रोग की बुद्धिमता से तथा सही रूप से देखभाल करने संबंधी जानकारी लेने की रुचि होनी चाहिए।
| यह पुस्तक मुख्यतया रोगियों को ध्यान में रखकर लिखी गयी है ताकि उन्हें इस रोग के बारे में स्पष्ट व आधुनिकतम जानकारी मिल सके । रोग के विभिन्न पहलुओं को सवाल-जवाब के रूप में प्रस्तुत किया गया है। मैं समझता हूं यह विधि रोगियों को अधिक पसंद आयेगी ।
मेरा विश्वास है कि इससे शिक्षित रोगियों, स्नातक विद्यार्थियों तथा सामान्य चिकित्सकों, जिन्हें इस बीमारी की बारीकियों को जानने की ललक है, की आवश्यकता पूरी हो सकेगी। मैंने अधिकारिक तरीकों से जानबूझ कर बचने का प्रयत्न किया है, परंतु जहा मैंने समझा कि कोई सूचना रोगियों के लाभ की हो सकती है तो मैंने अपने आंकड़ों और मान्यताओं को प्रस्तुत करने में कोई हिचक नहीं दिखाई । मेरा विश्वास है कि दमा रोगी, उनके संबंधी, सामान्य चिकित्सक, विद्यार्थी तथा चिकित्सा से संबंधित क्षेत्रों के व्यक्ति इसे रोचकता से पढ़ेंगे।
यदि यह छोटी-सी पुस्तक पाठकों की दमा रोग के बारे में जानकारी बढ़ाने तथा दमा रोगियों को चिकित्सकों पर ।नेर्भर हुए बिना सामान्य जीवन-यापन करने में सहयोगी हुई तो मैं इस पुस्तक के उद्देश्य को सफल मानूंगा।

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