बिन्दुयोग : खेमराज श्रीकृष्णदास | Bindu Yog : Khemraj Shri Krishnadas के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : बिन्दुयोग है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri krishnadas | Shri krishnadas की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri krishnadas | इस पुस्तक का कुल साइज 2.1 MB है | पुस्तक में कुल 91 पृष्ठ हैं |नीचे बिन्दुयोग का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | बिन्दुयोग पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Bindu Yog | This Book is written by Shri krishnadas | To Read and Download More Books written by Shri krishnadas in Hindi, Please Click : Shri krishnadas | The size of this book is 2.1 MB | This Book has 91 Pages | The Download link of the book "Bindu Yog" is given above, you can downlaod Bindu Yog from the above link for free | Bindu Yog is posted under following categories dharm |
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भूमिका ।
मनुष्यके निमित्त यदि कोई शौतिका उपाय तो यह योग हैं, इस योगविद्याके अनुष्ठानसे मनुव्यके त्रिविध ताप दूर होजातेहैं, इसके दो भेद हैं राजयोग और हठयोग, हठयोग विना गुरुके सिद्ध नहीं होता, राजयोगके अनुष्ठाता क्वचित २ प्राप्त होतेहैं, तथा इसकी श्रेणी मनुष्योंको मन इन्द्रियके जय करनेसे प्राप्त होनेलगतीहै, जिनके द्वारा यह मनुष्य परमपुरुषार्थ करताहुआ मुक्तितकको प्राप्त होसकताहै. योगशास्त्रके बहुतसे ग्रन्थ हैं जिनके सम्यक् अवलोकनसे योगशास्त्रकी महिमा विदित होतीहै, परन्तु विना अनुष्ठानके देखनेसे क्या होताहै, जबतक अनुष्ठान न होगा कोई कार्य सिद्ध न होगा,आत्माकी उन्नति अन्तःकरणमें प्रकाशकी इच्छावालों को अवश्यही योगामुष्ठान करना चाहिये. इस समय योग २ पुकारते तो अनेक देखे जाते, पर योगानुष्ठान करनेवाले कोई बिरलेही हैं, इससे जो दर्शन उनका अनुशान करना चाहिये,यह ‘विन्दुयोग'एक छोटासा अन्थ राजयोगान्तर्गतः, इसको हम राजयोगका