आओ गणित सीखें (गणित) – कक्षा 5 | Aao Ganit Sikhe (Maths) – Class 5th

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कुल पृष्ठ : 335

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आज के प्रौद्योगिकीय समाज में गणित के व्यापक अनुप्रयोग के कारण व्यक्ति के जीवन में गणित का अध्ययन अनिवार्य हो गया है। इस प्रौद्योगिकीय समाज में, दिन-प्रति-दिन, ऐसे कौशलों की आवश्यकता पड़ती है जैसे आकलन, समस्या समाधान, आंकड़ों की व्याख्या, मापन, भविष्य-कथन और गणित का यथार्थ जीवन में अनुप्रयोग। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 (रा.शि.नी.) में गणित की कल्पना उस साधन के रूप में उचित ही की गई है जो बालक को चिन्तन करने, तर्क करने, विश्लेषण करने और अपनी बात को तर्कसंगत रूप में अभिव्यक्त करने के लिए प्रशिक्षित करता है। आज. गणित के अतिरिक्त अन्य अनेक विषयों में भी परिमाणात्मक विवेचन, मापन, विश्लेषण और तर्कण का अधिकाधिक प्रयोग हो रहा है। अतः बालक की दिन-प्रति-दिन की समस्याओं और अन्य विषय क्षेत्रों में उसके अधिगम अनुभवों के परिपेक्ष्य में गणित की प्रासंगिकता पर जितना भी बल दिया जाए। कम है।

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