आज़ादी के तीन पुजारी : रागिनी मिश्र | Aazadi Ke Teen Pujari : Ragini Mishr के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : आज़ादी के तीन पुजारी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ragini mishra | Ragini mishra की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Ragini mishra | इस पुस्तक का कुल साइज 7 MB है | पुस्तक में कुल 113 पृष्ठ हैं |नीचे आज़ादी के तीन पुजारी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | आज़ादी के तीन पुजारी पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, india
Name of the Book is : Aazadi Ke Teen Pujari | This Book is written by Ragini mishra | To Read and Download More Books written by Ragini mishra in Hindi, Please Click : Ragini mishra | The size of this book is 7 MB | This Book has 113 Pages | The Download link of the book "Aazadi Ke Teen Pujari" is given above, you can downlaod Aazadi Ke Teen Pujari from the above link for free | Aazadi Ke Teen Pujari is posted under following categories history, india |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
उन्होंने पूछा, 'बच्चों, तुम्हीं बताओ आज तुम लोग क्या सुनना चाहते हो ।'
मंजुल बोल पड़ा, 'कामिक्स ।' तभी पीछे से राजा ने उसे टीप जड़ दी, 'अरे कामिक्स तो किसी दूकान से लेकर पढ़ लेना, आज तो हम लोग नन्हीं-नन्हीं सुनहरे परों वाली परियों की कहानी सुनेंगे ।' तभी राजुल बोल पड़ा, ‘प्यारी दादी, मैं तो परी-वरी की झूठी कहानियाँ पढ़ता नहीं। मुझे तो भूत-प्रेतों की, चोर-डाकुओं को बहादुरी वाली कहानी सुनाओ।' तभो अास्था ने कहा, ‘दादी परियों की कहानियाँ, भूत प्रेतों की कहानियां, चोर-डाकू की कहानियाँ, कामिक्स और चित्र कथाएँ पतृकर हम लोग ऊब गए हैं। कोई ऐसी कहानी सुनाओ दादी कि जो आसानी से हमें पढ़ने को न मिलती हो । पर हो सच्ची ।।
समझदार रुम्पी ने कहा, 'दादो आस्था ठीक कहती है, आप हमें इन्दिरा जी की कहानी सुना चुकी हैं। अब आप नेहरू जी, शास्त्री जी, राजेन्द्र बाबू, सुभाष बाबू या ऐसे ही किसी महापुरुष की जीवन कथा सुनाएँ ।' . दादो तो इसी प्रस्ताव की प्रतीक्षा में थी। वे बोल पड़ीं 'क्यों वीरू ! सुनोगे अपने देश के इन लाजलों की, बहादुरों की, कहानियाँ ?' वीरू कुछ कहता उससे