संतबानी संग्रह भाग – १ | Santa Bani Sangrah Part -1

संतबानी संग्रह भाग – १ | Santa Bani Sangrah Part -1

संतबानी संग्रह भाग – १ | Santa Bani Sangrah Part -1 के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : संतबानी संग्रह भाग – १ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 84.5 MB है | पुस्तक में कुल 241 पृष्ठ हैं |नीचे संतबानी संग्रह भाग – १ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | संतबानी संग्रह भाग – १ पुस्तक की श्रेणियां हैं : history

Name of the Book is : Santa Bani Sangrah Part -1 | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 84.5 MB | This Book has 241 Pages | The Download link of the book "Santa Bani Sangrah Part -1" is given above, you can downlaod Santa Bani Sangrah Part -1 from the above link for free | Santa Bani Sangrah Part -1 is posted under following categories history |


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पुस्तक का साइज : 84.5 MB
कुल पृष्ठ : 241

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यह संग्रह प्राचीन संतों और महात्माओं की बानी का जिनमें से बहुतों के पंथ भारतवर्ष में प्रचलित हैं हमारे बैकुण्ठवासी मित्र, संतबानी के रसिक, ज्योतिष विद्या के सूयं महामहोपाध्याय पंडित सुधाकर द्विवेदी के आग्रह से छः बरस हुए आरंभ किया गया था और थोड़े से महात्माओं की साखियाँ और पद जो उनके जीवन समय में चुने जा चुके थे उनको दिखलाये गये जिनको पढ़ कर वह गद्गद होकर बोले 'न भूतो न भविष्यति'' इस पर महंत गुरुप्रसाद जी जो पास बैठे थे बोले कि पंडित जी आपने इसे नमूने के विषय में जो न भूतो'' कहा वह तो ठीक है पर "न भविष्यति'' कैसे कहा, क्या आगे इससे बढ़कर संग्रह संतबानी का नहीं रचा जा सकता ?

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