अग्नि परीक्षा | Agni Pariksha के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : अग्नि परीक्षा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Goswami Tulsidas | Goswami Tulsidas की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Goswami Tulsidas | इस पुस्तक का कुल साइज 3.91 MB है | पुस्तक में कुल 240 पृष्ठ हैं |नीचे अग्नि परीक्षा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अग्नि परीक्षा पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, hindu, Knowledge
Name of the Book is : Agni Pariksha | This Book is written by Goswami Tulsidas | To Read and Download More Books written by Goswami Tulsidas in Hindi, Please Click : Goswami Tulsidas | The size of this book is 3.91 MB | This Book has 240 Pages | The Download link of the book "Agni Pariksha" is given above, you can downlaod Agni Pariksha from the above link for free | Agni Pariksha is posted under following categories dharm, hindu, Knowledge |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
रामायण का कथा-भेद एकमात्र परम्परा-भेद पर ही आधारित है, ऐसी बात नही है । एक-एक परम्परा में भी राम-कथा की विभिन्न धाराए हैं। प्रत्येक रचयिता प्राय कुछ न कुछ अपनी ओर से जोडता ही है। कवि इसे अपनी मौलिक अधिकार भी मानता है। मीता को रावण किस प्रकार उठा कर ले गया, इस विषय में कवियो ने अपनी सूझ-बुझ के अनुसार नाना युक्तिया काम में ली। मीता सती थी । स्वेच्छा से ही रावण के साथ जाने के लिए चरण नहीं बढ़ सकती थी । रावण बलात् उसे उठाकर ले जाता है, तो पर-पुरुष के स्पर्श-दोष से वह दूषित होती है। इस मम्बन्ध में गबसे निराली उक्ति यह है कि सीता जिम झोपड़ी में रहती थी, रावण पृथ्वी बण्ड के माथ उम झोपडी को ज्यों का त्यो उठाकर ले गया ।