अथर्व वेद भाग 2 | Atharv Ved Part 2 के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : अथर्व वेद भाग 2 है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 94.2 MB है | पुस्तक में कुल 1448 पृष्ठ हैं |नीचे अथर्व वेद भाग 2 का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अथर्व वेद भाग 2 पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, inspirational
Name of the Book is : Atharv Ved Part 2 | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 94.2 MB | This Book has 1448 Pages | The Download link of the book "Atharv Ved Part 2 " is given above, you can downlaod Atharv Ved Part 2 from the above link for free | Atharv Ved Part 2 is posted under following categories Knowledge, inspirational |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
भावार्थ:--परमेश्वर ने यह सृष्टि और काल चक्र मनुष्य के उपकार के लिये बनाये हैं। विज्ञानी पुरुष परमेश्वर को अपार महिमा में अपना पराक्रम बढ़ाकर नये नये आविष्कार करके अमर नाम करते हैं ।
भावार्थः -- मनुष्यों को चावल और जौ आदि सात्त्विक अन्न का भोजन प्रसन्न होकर करना चाहिये, जिससे वह पृष्टिकारक हो ।