अथर्व वेद भाग 1 | Atharv Ved Part 1

अथर्व वेद भाग 1| Atharv Ved Part 1

अथर्व वेद भाग 1| Atharv Ved Part 1 के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : अथर्व वेद भाग 1 है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 42.02 MB है | पुस्तक में कुल 799 पृष्ठ हैं |नीचे अथर्व वेद भाग 1 का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | अथर्व वेद भाग 1 पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, inspirational

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पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 42.02 MB
कुल पृष्ठ : 799

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भावार्थः - चतुर पुरुषार्थी मनुष्य के लिये परमेश्वर और संसार के सब पदार्थ उपकारी होते हैं। अथवा जो सूर्य, भूमि, मेघ, वायु और अग्नि के समान उत्तम गुण वाले और दूसरे शुरवीर विद्वान् लोग जो विद्या के लिये और धरती अर्थात् सब जीवों के लिये पुत्र समान सेवा करते हैं और जो सूर्य के समान उत्तम गुणों से प्रकाशमान हैं, वे सब नरभूषण पुरुषार्थी मनुष्य के सदा सहायक और शुभचिन्तक रहते हैं |

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