बीजगणित : पं मोहनलाल हिंदी पुस्तक | Beejganit : Pandit Mohanlal Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी :
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॥वीजगणित॥ ३ पक परिनाया-॥ क राशि शब्द का स्पर्य समुद वा देर कै घोर दस पर एक वरतु का परिमाण जाना जाता रै कि वद् तोलससा | दि में कितनी है वा गिनती में कितनी दे दससिये सशिके सभगने के लिये यंक लिखते हैं जे मत्यी की राशि का परिमाणा गिनती से जाना जाता है और कपड़ों सा परि- साए गज्ों की सरया से जाना जाता दे चीज गर्णित में व्यत्त - व्सर्थात् जानी जुददराशि जैसे ९४ प्सादमी ९९ वाद सेस्थान में बस के यू न्मादि ्सप्सर लिखते रे सौर प्सः व्यक्त च्वथीत् वनजानी दुई राशि के स्थान मे जैसे शभ से छू जाय कितने गज कपड़ा के दा कितने मज ं है दस के स्थान में यर-ल -द ५ स्सादि व्सस्तर लिखते हैं हे के रखने नें यणशित सद्ज से थे दे में छोजाती है केंकि र२७५६ के स्थान में सु लिख सकते दें 1 जाना चद्ाना उजुणा नाग न्सादिकी नविन्दू लिख ते हें + यद्द चिन्द् जारने का दे दूसे धन करते है दूव्य इकड्े रोने को धन करते हैं दूसलिये-जब यरुचिन्ट दो णड्शि के वीच में दो तो जानो कि बाई <्फोर की रा में सुनी ब्सोर की रच जाइनी दे जैसे ब्स+ कर च्म घन से पुछेंगे दूसका यद्द पर्थ है किच्स राशि में का शशि 23 तौर कल्पना करो कि न्य राशि इ के दरादर रू करा ७ के बरावर है नी नस का ए+१७ दा सके दोनो चोर जो मे ४ के बराबर देह तो मं+के+ ग पे से धरने के धन में पढेंगे रबर ९०० ४ दा ८ फलुरप
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