भोजपुरी लोक साहित्य का अध्ययन | Bhojpuri Lok Sahitya Ka Adhyayana

भोजपुरी लोक साहित्य का अध्ययन | Bhojpuri Lok Sahitya Ka Adhyayana

भोजपुरी लोक साहित्य का अध्ययन | Bhojpuri Lok Sahitya Ka Adhyayana के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : भोजपुरी लोक साहित्य का अध्ययन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Krishna Dev Upadhyaya | Dr. Krishna Dev Upadhyaya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 34.0 MB है | पुस्तक में कुल 476 पृष्ठ हैं |नीचे भोजपुरी लोक साहित्य का अध्ययन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भोजपुरी लोक साहित्य का अध्ययन पुस्तक की श्रेणियां हैं : inspirational, Knowledge

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पुस्तक का साइज : 34.0 MB
कुल पृष्ठ : 476

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गीत संग्रह का कार्य और भी कठिन है । दूसरे, गवैये सदा गाने के लिये तैयार भी नहीं राहते । ये तो किसी विशेष ऋतु के आने पर ही उस ऋतु का गाना गाते हैं। अतः ऋतुसम्बन्धी गीतों को लिपिबद्ध करने में अनेक मासों की प्रतीक्षा करनी पड़ी है। इसके अतिरिक्त इन गीतों के संग्रह के लिये अनेक अस्पृश्य जातियों—जो बहुत गन्दे स्थानों में निवास करती है-के घरों में भी जाना पड़ा है। उनके गन्दे घरों में बैठकर गीतों का लिखना भी कुछ मासान काम नहीं है ।

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