चेतावनी पद संग्रह : गीता प्रेस की हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड करें पीडीऍफ़ में | Chetavni Pad Sangrah By Geeta Press Hindi Book Free Download in PDF

चेतावनी पद संग्रह : गीता प्रेस | Chetavni Pad Sangrah : Geeta Press

चेतावनी पद संग्रह : गीता प्रेस | Chetavni Pad Sangrah : Geeta Press

चेतावनी पद संग्रह : गीता प्रेस | Chetavni Pad Sangrah : Geeta Press के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : चेतावनी पद संग्रह है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Geeta Press | Geeta Press की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 467.8 KB है | पुस्तक में कुल 224 पृष्ठ हैं |नीचे चेतावनी पद संग्रह का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | चेतावनी पद संग्रह पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, gita-press, Poetry

Name of the Book is : Chetavni Pad Sangrah | This Book is written by Geeta Press | To Read and Download More Books written by Geeta Press in Hindi, Please Click : | The size of this book is 467.8 KB | This Book has 224 Pages | The Download link of the book "Chetavni Pad Sangrah" is given above, you can downlaod Chetavni Pad Sangrah from the above link for free | Chetavni Pad Sangrah is posted under following categories dharm, gita-press, Poetry |

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पुस्तक का साइज : 467.8 KB
कुल पृष्ठ : 224

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अनमोल तेरा जीवन, यूँ हीं गंवा रहा है। किस ओर तेरी मंजिल, किस ओर जा रहा है ॥टेर॥ सपनों की नींद में ही ये रात ढल ना जाये। पल भर का क्या भरौसा, क्या जाने कल ना आये। गिनती को है ये श्वासे, यूँ ही लुटा रहा है ॥ १ ॥ जायेगा जब यहाँ से, कोई न साथ होगा। जो कुछ यहाँ किया है, इन्साफ वहाँ मैं होगा। कर्मों की है ये खेती, फल उसका पा रहा है। २ ॥ ममता के बंधनो ने, ले आज तुझको घेरा।। सुख के सभी हैं साथी, दुखमें कोई न तेरा।। तेरा ही मोह तुझको, कबसे रुला रहा है ॥ ३॥ जब तक है भेद मनमें, भगवान से जुदा है। देखे जो दिल का दर्पण, इस दिलमें ही खुदा है। सुख रूप हो के खुद ही, दुख आज पा रहा है॥४॥

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