छः बिन्दियाँ - लुई ब्रेल की कहानी | Chhah Bindiyan - Louis Braille Ki Kahani

छः बिन्दियाँ : लुई ब्रेल की कहानी हिंदी पुस्तक | Chhah Bindiyan : Louis Braille Ki Kahani Hindi Book

छः बिन्दियाँ : लुई ब्रेल की कहानी हिंदी पुस्तक | Chhah Bindiyan : Louis Braille Ki Kahani Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : छः बिन्दियाँ - लुई ब्रेल की कहानी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Arvind Gupta | Arvind Gupta की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 4.06 MB है | पुस्तक में कुल 37 पृष्ठ हैं |नीचे छः बिन्दियाँ - लुई ब्रेल की कहानी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | छः बिन्दियाँ - लुई ब्रेल की कहानी पुस्तक की श्रेणियां हैं : children, inspirational, scientist, Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Chhah Bindiyan - Louis Braille Ki Kahani | This Book is written by Arvind Gupta | To Read and Download More Books written by Arvind Gupta in Hindi, Please Click : | The size of this book is 4.06 MB | This Book has 37 Pages | The Download link of the book "Chhah Bindiyan - Louis Braille Ki Kahani" is given above, you can downlaod Chhah Bindiyan - Louis Braille Ki Kahani from the above link for free | Chhah Bindiyan - Louis Braille Ki Kahani is posted under following categories children, inspirational, scientist, Stories, Novels & Plays |


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पुस्तक का साइज : 4.06 MB
कुल पृष्ठ : 37

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पर मैं ज़िनदा रहा. बचपन में मैं बहुत उतसुक था और मेरी आंखें हर चीज़ को बहुत बारीकी से देखती थीं. मां का पयारा चेहरा मेरे पालने से झूलती झालर खाने की मेज़ पर रखी डबलरोटी का आकार. मैं हर चीज़ को बहुत धयान से देखता था. धीरे-धीरे में बड़ा हुआ - एकदम अचछा और बलवान. जब मैं अपने भाई की चौड़ी पीठ पर बैठकर बेकर की दुकान पर जाता या अपनी बहनों के साथ मिलकर मुरगियों को चुगगा डालता | तो गांववाले मुसकुराते और हाथ हिलाते. कितना सुनदर है वो कहते. हि ही ड ै ए दर है (0 कर ँ कक ) ता ७ दि की वी और होशियार भी मेरी बहनें कहरतीं. जब मैं तीन साल का हुआ तो मुझे हरेक गांववाले का नाम याद था. मैं बहन की टोकरी में रखे अणडों को गिन सकता था. सकता था. में पेड़ पर बैठी गौरईयों को भी गिन सकता था. मैं जो भी कहानी सुनता - मैं उसका एक-एक शबद दोहरा

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