धरती और आकाश | Dharti Aur Akash के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : धरती और आकाश है | इस पुस्तक के लेखक हैं : A Volkov | A Volkov की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : A Volkov | इस पुस्तक का कुल साइज 18.7 MB है | पुस्तक में कुल 178 पृष्ठ हैं |नीचे धरती और आकाश का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | धरती और आकाश पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, science
Name of the Book is : Dharti Aur Akash | This Book is written by A Volkov | To Read and Download More Books written by A Volkov in Hindi, Please Click : A Volkov | The size of this book is 18.7 MB | This Book has 178 Pages | The Download link of the book "Dharti Aur Akash " is given above, you can downlaod Dharti Aur Akash from the above link for free | Dharti Aur Akash is posted under following categories Knowledge, science |
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जब आकाश में चाँद हँस रहा हो, चाँदनी खिली हो, किसी ऐसी रात में मैदान में तो जाओ, आकाश पर एक नजर तो डालो। देखो तो चाँदनी कैसी प्यारी लग रही है। चाँद की रेशमी रुपहली किरणें पृथ्वी का आँगन धो रही हैं। ये किरणे शीतल और प्यारी तो जरूर हैं पर उनकी शक्ति सूर्य की किरणों से कहीं कम है। पास की सभी वस्तुएँ दिखायी पड़ रही हैं, लेकिन दूर की वस्तुएँ जैसे कुहरे के धुंधलके में अदृश्य होती जा रही हैं।धरती की नहीं चाँद की चाँदनी में भीगा आकाश भी चमक रहा है। चन्द्रमा के समीप के तारे धुंधले पड़ते जा रहे हैं, और दूर के तारे अँधेरी रात की अपेक्षा अधिक फीके नज़र आ रहे हैं।