ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रशासन और वित्त प्रबंध | East India Company Ka Prashasan Aur Vitt Prabandh

डॉ. अम्बेडकर साइमन कमीशन के साथ | Dr. Ambedkar Simon Commision Ke Sath

डॉ. अम्बेडकर साइमन कमीशन के साथ | Dr. Ambedkar Simon Commision Ke Sath

डॉ. अम्बेडकर साइमन कमीशन के साथ | Dr. Ambedkar Simon Commision Ke Sath के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : डॉ. अम्बेडकर – साइमन कमीशन के साथ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. B. R. Ambedkar | Dr. B. R. Ambedkar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 39.1 MB है | पुस्तक में कुल 233 पृष्ठ हैं |नीचे डॉ. अम्बेडकर – साइमन कमीशन के साथ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | डॉ. अम्बेडकर – साइमन कमीशन के साथ पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, Knowledge, politics

Name of the Book is : Dr. Ambedkar- Simon Commision Ke Sath | This Book is written by Dr. B. R. Ambedkar | To Read and Download More Books written by Dr. B. R. Ambedkar in Hindi, Please Click : | The size of this book is 39.1 MB | This Book has 233 Pages | The Download link of the book "Dr. Ambedkar- Simon Commision Ke Sath" is given above, you can downlaod Dr. Ambedkar- Simon Commision Ke Sath from the above link for free | Dr. Ambedkar- Simon Commision Ke Sath is posted under following categories history, Knowledge, politics |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : , ,
पुस्तक का साइज : 39.1 MB
कुल पृष्ठ : 233

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

भारतरत्न बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर हमारे संविधान निर्माता के साथ-साथ प्रबुद्ध चिंतक एवं महान समाजशास्त्री भी थे। उन्होंने भारतीय दर्शन में विद्यमान रूढ़िवादी तत्वों को चुनौती दी। वे दलित, शोषित एवं सर्वहारा समाज के मसीहा बन गए, लेकिन उनके विचार एवं साहित्य भारतीय भाषाओं में न होने के कारण आम आदमी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।मुझे प्रसन्नता है कि कल्याण मंत्रालय के संस्थान, डा. अम्बेडकर प्रतिष्ठान ने,डा. अम्बेडकर के संपूर्ण वांङ्मय को हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित करके यथाशीघ्र प्रकाशित कराने का संकल्प लिया है।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *