कलम, तलवार और त्याग | Kalam, Talwar Or Tyag

कलम, तलवार और त्याग | Kalam, Talwar Or Tyag

कलम, तलवार और त्याग | Kalam, Talwar Or Tyag के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : कलम, तलवार और त्याग है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Munshi Premchand | Munshi Premchand की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 7 MB है | पुस्तक में कुल 264 पृष्ठ हैं |नीचे कलम, तलवार और त्याग का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कलम, तलवार और त्याग पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge

Name of the Book is : Kalam, Talwar Or Tyag | This Book is written by Munshi Premchand | To Read and Download More Books written by Munshi Premchand in Hindi, Please Click : | The size of this book is 7 MB | This Book has 264 Pages | The Download link of the book "Kalam, Talwar Or Tyag" is given above, you can downlaod Kalam, Talwar Or Tyag from the above link for free | Kalam, Talwar Or Tyag is posted under following categories Knowledge |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 7 MB
कुल पृष्ठ : 264

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प्रताप उदयसिंह का बेटा और शेरदिल दादा सांगा का पोता था । राणा सांगा और बाबर के संग्राम इतिहास के पृष्ठ पर अंकित हैं, यद्यपि राणा की पराजय हुई पर स्वदेशी रक्षा में अपना रक्त बहाकर उसने सदा के लिए अपना नाम उज्ज्वल कर लिया। उसका बेटा उदयसिंह बाप के वीरोचित गुणों का उत्तराधिकारी न था । कुछ दिनों तक तो वह चित्तोड़ को मुगलों के द्वारा पादाक्रांत होने से बचाता रहा, पर ज्यही अकवर के तेवर बदले देखे शहर जगमल को सिपुर्द करके अरौली की पहाड़ियों में जा छिपा, और वहाँ एक नये नगर की नींव डाली जो आजतक उसके काल से उदयपुर मशहूर है।

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