गिरिजा कुमार माथुर के काव्य की बनावट और बुनावट | Girija Kumar Mathur Ke Kavya Ki Banawat Aur Bunawat

गिरिजा कुमार माथुर के काव्य की बनावट और बुनावट | Girija Kumar Mathur Ke Kavya Ki Banawat Aur Bunawat

गिरिजा कुमार माथुर के काव्य की बनावट और बुनावट | Girija Kumar Mathur Ke Kavya Ki Banawat Aur Bunawat के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : गिरिजा कुमार माथुर के काव्य की बनावट और बुनावट है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Madhu | Dr. Madhu की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 3.12 MB है | पुस्तक में कुल 225 पृष्ठ हैं |नीचे गिरिजा कुमार माथुर के काव्य की बनावट और बुनावट का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | गिरिजा कुमार माथुर के काव्य की बनावट और बुनावट पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Girija Kumar Mathur Ke Kavya Ki Banawat Aur Bunawat | This Book is written by Dr. Madhu | To Read and Download More Books written by Dr. Madhu in Hindi, Please Click : | The size of this book is 3.12 MB | This Book has 225 Pages | The Download link of the book "Girija Kumar Mathur Ke Kavya Ki Banawat Aur Bunawat" is given above, you can downlaod Girija Kumar Mathur Ke Kavya Ki Banawat Aur Bunawat from the above link for free | Girija Kumar Mathur Ke Kavya Ki Banawat Aur Bunawat is posted under following categories Stories, Novels & Plays |


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पुस्तक का साइज : 3.12 MB
कुल पृष्ठ : 225

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अपनी रोमानी संवेदना, सामाजिक यथार्थ, बुगीन परिप्रेक्ष्य में मानव की परिचितियों के सही मूल्यांकन तथा नबीन वैज्ञानिक चेतना की सरस एवं सरल अभिव्यक्ति के साथ-साथ टेकनीक के क्षेत्र में किये गये क्रान्तिकारी परिवर्तनों के कारण श्री गिरिजा कुमार माशुर नि.सन्देह नयी कविता की एक ऐसी पृथक् और महत्वपूर्ण इकाई के रूप में सामने आते हैं जिनके काव्य के समग्र मूल्यांकन की उपेक्षा नहीं की जा सकती। कवि के कृतित्व की इसी महत्ता को ध्यान में रखते हुए उन पर संरचनात्मक दृष्टि से सम्यकू शोधपरक अययन सम्पन्न करके एक अभाव की पूति करने की बलवर्ती इछा जाग्रत हुई ।

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