ज्ञान की गरिमा | Gyan Ki Garima के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : ज्ञान की गरिमा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Baldev Upadhyay | Baldev Upadhyay की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Baldev Upadhyay | इस पुस्तक का कुल साइज 4 MB है | पुस्तक में कुल 168 पृष्ठ हैं |नीचे ज्ञान की गरिमा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | ज्ञान की गरिमा पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Gyan Ki Garima | This Book is written by Baldev Upadhyay | To Read and Download More Books written by Baldev Upadhyay in Hindi, Please Click : Baldev Upadhyay | The size of this book is 4 MB | This Book has 168 Pages | The Download link of the book "Gyan Ki Garima" is given above, you can downlaod Gyan Ki Garima from the above link for free | Gyan Ki Garima is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
च्यवन भार्गव तथा सुकन्या मानवी की यह कहानी भारतीय नारीचरित्र का एक नितात उज्ज्वल आदर्श उपस्थित करती है। च्यवन को वैदिक नाम च्यवान है । सुकन्या की वैदिक कहानी इसकी पौराणिक कहानी से कही अधिक उच्च तथा श्रादर्शमयी है। पुराण मे सुकन्या ने ऋषि की चमकती हुई अखिो को छेदकर स्वय अपराध किया था, जिसके लिए उसे दड मिलना स्वाभाविक था । परतु वेद मे उसका प्रात्मत्याग बहुत ही उच्चकोटि का है । सैनिक बालको के द्वारा किये गए अपराध के निवारण के लिए सुकन्या वृद्ध ऋषि को आत्म-समर्पण करती है । वैदिक तथा पौराणिक दोनो कथानको के पार्थक्य पर ध्यान देना अत्यन्त आवश्यक है ।