हरिवंश पुराण | Harivansh Puran के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : हरिवंश पुराण है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Majjinsen Acharya | Majjinsen Acharya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Majjinsen Acharya | इस पुस्तक का कुल साइज 58 MB है | पुस्तक में कुल 512 पृष्ठ हैं |नीचे हरिवंश पुराण का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हरिवंश पुराण पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, Knowledge
Name of the Book is : Harivansh Puran | This Book is written by Majjinsen Acharya | To Read and Download More Books written by Majjinsen Acharya in Hindi, Please Click : Majjinsen Acharya | The size of this book is 58 MB | This Book has 512 Pages | The Download link of the book "Harivansh Puran" is given above, you can downlaod Harivansh Puran from the above link for free | Harivansh Puran is posted under following categories dharm, Knowledge |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
अभी तक मेरी दृष्टिमें तीन हरिवंशपुराण आये हैं। जिनमें दो संस्कृतमैं हैं और एक अपभ्रंश भाषाका है। अपभ्रंश हरिवंशके रचयिता महाकवि रइधू हैं। इसकी प्रति मैंने कुरवाई ( सागर ) के जैन मन्दिरमें देखी थी । मंस्तके दो हरिवंशोंमें एक हरिवंश ब्रह्मचारी जिनदासका बनाया हुआ है। इसकी प्रति भाण्डारकर रिसर्च इंस्टीट्यूट पूनामें विद्यमान है । रचना सरल और संक्षिप्त है ।