जंतु-विज्ञान | Jantu Vigyan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : जंतु-विज्ञान है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 17.7 MB है | पुस्तक में कुल 478 पृष्ठ हैं |नीचे जंतु-विज्ञान का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | जंतु-विज्ञान पुस्तक की श्रेणियां हैं : science
Name of the Book is : Jantu Vigyan | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 17.7 MB | This Book has 478 Pages | The Download link of the book "Jantu Vigyan " is given above, you can downlaod Jantu Vigyan from the above link for free | Jantu Vigyan is posted under following categories science |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
पेड-पौयों के अतिरिक्त मनुष्य को अपने भोजन के लिए जन्तुओं पर भी निर्भर रहना पड़ता है। दूध, मक्खन, घी, पनीर, मास, मछली, अडे इत्यादि हमें जन्तुओं से ही मिलते हैं। देश की भौगोलिक स्थिति के अनुसार ही आमतौर पर मनुष्य को भोजन होना चाहिए। उदाहरण के लिए समुद्र के किनारे रहनेवाले लोगों के भोजन में मछली, केकहा, झीगा, सीपी, घोघा का प्रमुख स्थान होता है। यहाँ के रहनेवाले कुछ लोगो का मछली पकड़ना मुख्य व्यवसाय होता है।