कल्याण | Kalyan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : कल्याण है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 247.0 MB है | पुस्तक में कुल 784 पृष्ठ हैं |नीचे कल्याण का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कल्याण पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Kalyan | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 247.0 MB | This Book has 784 Pages | The Download link of the book "Kalyan" is given above, you can downlaod Kalyan from the above link for free | Kalyan is posted under following categories dharm |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
आप सब लोग यह विश्वास कीजिये कि ये श्रीरामचन्द्रजी ही परम पुरुष परमात्मा हैं। इन्होंने ही विश्वहितके लिये विष्णुरूपसे क्षीरसागरका मन्थन किया था। गम्भीर रहस्यसे भरे उपनिषदादि शास्त्रोंके तत्त्वगोचर साक्षात् परब्रह्म ये ही हैं । परिपूर्ण परमानन्द, सम-स्वरूप, श्रीवत्सके चिह्नसे सुशोभित भगवान् श्रीरामचन्द्र जब भलीभाँति प्रसन्न हो जाते हैं, तब अपनी कृपासे सम्पूर्ण प्राणियोंको मोक्ष प्रदान कर देते हैं । यही भगवान् श्रीरामचन्द्रजी कुपित होकर रुद्ररूपसे जगतका संहार करते हैं, यही ब्रह्मारूपसे इस विनाशी जगत्का सृजन करते हैं । यही विश्वके आदि, विश्वके उत्पादक, विश्वके धाता, पालनकर्ता और महान् सखा भी हैं ।