किसान सभा के संस्मरण | Kisan Sabha Ke Sansmaran

किसान सभा के संस्मरण | Kisan Sabha Ke Sansmaran

किसान सभा के संस्मरण | Kisan Sabha Ke Sansmaran के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : किसान सभा के संस्मरण है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Swami Sahajanand Saraswati | Swami Sahajanand Saraswati की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 9.7 MB है | पुस्तक में कुल 272 पृष्ठ हैं |नीचे किसान सभा के संस्मरण का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | किसान सभा के संस्मरण पुस्तक की श्रेणियां हैं : science

Name of the Book is : Kisan Sabha Ke Sansmaran | This Book is written by Swami Sahajanand Saraswati | To Read and Download More Books written by Swami Sahajanand Saraswati in Hindi, Please Click : | The size of this book is 9.7 MB | This Book has 272 Pages | The Download link of the book "Kisan Sabha Ke Sansmaran" is given above, you can downlaod Kisan Sabha Ke Sansmaran from the above link for free | Kisan Sabha Ke Sansmaran is posted under following categories science |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 9.7 MB
कुल पृष्ठ : 272

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

पूर्व सरकार ने समय-समय पर सर्वे कराकर लगान भी बढ़ा दिया था। जब उसे न दे सकने के कारण किसानों को जमीन-जायदाद साहुकारों के हाथों में धड़ाधड़ जाने लगीं तो उनने विद्रोह शुरू किये फलतः सरकारी जाँच कमिशन कायम हुआ और उसी की रिपोर्ट पर दक्षिणी किसानों को सुविधाएँ देने को कानन बनाया गया। इस प्रकार स्पष्ट है कि सरकार और महाजनों से किसान इसीलिये बिगड़ पड़े कि उनकी जमीनें छिनी जा रही थीं।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.