पादप पारिस्थितिकी, पादप भूगोल एवं जैव सांख्यिकी | Padap Paristhitiki, Padap Bhoogol Evan Jaiv Sankhyikee

पादप पारिस्थितिकी, पादप भूगोल एवं जैव सांख्यिकी | Padap Paristhitiki, Padap Bhoogol Evan Jaiv Sankhyikee

पादप पारिस्थितिकी, पादप भूगोल एवं जैव सांख्यिकी | Padap Paristhitiki, Padap Bhoogol Evan Jaiv Sankhyikee के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : पादप पारिस्थितिकी, पादप भूगोल एवं जैव सांख्यिकी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Prof. L.N.Vyas | Prof. L.N.Vyas की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 5.6 MB है | पुस्तक में कुल 312 पृष्ठ हैं |नीचे पादप पारिस्थितिकी, पादप भूगोल एवं जैव सांख्यिकी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पादप पारिस्थितिकी, पादप भूगोल एवं जैव सांख्यिकी पुस्तक की श्रेणियां हैं : science

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प्रत्येक जीव का स्वभाव, स्वरूप एव सरचना आदि उसके आनुवाशिक ताणो पर | तो निर्भर करते ही है, इन पर वातावरण का भी विभिन्न प्रकार से प्रभाव पड़ता है । इन कारको के प्रभाव के साप तालमेल बनाये रखने के लिये जीव अपने आप को अनुकूलित | कर लेता है । भिन्न-भिन्न स्थानो पर वातावरणीय कारक भी भिन्न-भिन्न होते है। यही कारण है कि भिन्न-भिन्न स्थानो पर भिन्न-भिन्न प्रकार के पादप पाये जाते है, जैसे - जल में उगने वाले पौधे कमल आदि, मरुस्थली जलवायु में नही उग पाते । इसी प्रकार जल में मस्थली पादपो की उगने की सम्भावना नहीं रहती। इससे स्पष्ट होता है कि पादपो एव वातावरण का एक सीधा सम्बन्ध राता है और यही कारण है कि भिन्न भिन्न स्थानों में वातावरण के अनुसार पादप उगते है।

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